mera parichay

  1. न ही में अमिताभ बच्चन हूँ न तो में बरखा दत्त जो अपनी vishey में लिखू और ना ही मेरे पास इस तरह के फेन है जो मुझ को पड़ने में रूचि रखंगे मैं एक अदना सा किसी मीडिया हाउस का कर्मचारी हूँ जो कुछ मजबूरी के तहत अपनी पहचान नही बता पाउँगा. लेकिन यह क्या !अभी अभी तो मैने कुछ पंक्ति पूर्व मैं कह रहा था की न ही मैं अमिताभ हूँ ना ही बरखा दत्त फिर भी मैं अपने ही बारे में लिख रहा हूँ वोः भी लगातार मगर मैं कर भी क्या सकता हूँ मुझे और कुछ लिखना भी तो नही आता मैं उन् दूसरे लोगो की तरह भी तो नही जो देश दुनिया की बाते करते हैं वैसे भी देश दुनिया की की बातें करना मुझे नही आता मगर आज कल तो इस तरह की बातें करना एक फैशन सा बन गया है अगर बात आतंकवाद की हो तो पूछना ही क्या लोग अपनी अपनी पर्त्क्रिया बढ चढ़ कर देते हैं मैं शायद इन विषय पर चर्चा करने के लायक नही हूँ या आप यह कह सकते हैं की मेरे पास इतनी अकल नही है .लोगो आज कल कंप्यूटर की सामने टी.वी .के सामने बैठ कर बड़ी बड़ी पर्त्क्रिया देते नही थकते .लकिन बीते दिनों जो कुछ हुआ उसने हमे भी एक भारतीय होने के नाते द्रवित किया इससे भी बढ़ कर एक इंसान होने के नाते और सहम गया मुंबई की घटना ने मेरा दिल ओ दिमाग पर एसा असर डाला हैं की बयां करना मुश्किल है चूँकि यह मेरा एक परिचय हैं, इसलिय मैं इस बात को अगली बार बताने की कोशिश करूंगा यह मेरा एक संचिप्त परिचेय शयेद आप को बड़ा लगे लकिन क्या करूं यही मेरा परिचेय हैं। शेष अगले अंक में

Comments

Bhai maan gaye ki aap bhi kuch kam nahi.....
tera jadu chal gaya
Tujhe pahchaan liya re apna tujhe maan liya re

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