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Showing posts from February, 2019

सालों बाद दिखा खीरी का सांप-“ऑलिगोडन खेरीन्सिस”

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सालों बाद दिखा खीरी का सांप- “ ऑलिगोडन खेरीन्सिस ” प्रदेश के वन्यजीव सम्पदा में खीरी जिला का अपना अलग ही महत्व है, यह जिला लखऩऊ कमिश्नरी के अन्तर्गत आता है... खीरी जिले को लखीमपुर खीरी के नाम से भी जाना जाता है  यहां पर प्रदेश का एकमात्र नेशऩल पार्क स्थित है जो दुधवा नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है यह जंगल अपने आप में विशिष्ट प्रकार है...यहां की भूस्थिति हिमालय की तराई के आबोहवा के साथ अपने आप में अनगिनत जीव जन्तुओ को समेटे हुए है इस इलाके की एक खूबी यह भी है कि यहां के जंगलो में उत्तर प्रदेश की अदिम जनजाति थारू भी निवास करती है.... दुधवा के जंगलो में अनेक दुर्लभ किस्म की जड़ी बूटी के साथ यहां पर जानवरो की कई किस्मे भी पाई जाती है.. बात चाहे कीट पंतगो के संसार की हो, सांपो की हो, हाथी गैडो की हो या फिर प्रकृति के सम्राट वनराज बाघ   की ... सब यहां पर मस्ती करते कहीं ना कहीं दिख ही जाते है..इसीलिए तो दूर-दूर से सैलानी यहां खीचें चले आते है...जिला खीरी का नाम रोशन करता यह इलाका आपने आप   ही एक अजब   सुकून देता है...यह सुकून और भी पुरखलिश हो जाता है जब इस जंग...

रेडियो जॉकी

रेडियो जॉकी तुम मां बेटी ने दो दिन से क्या लगा रखा है..... जैसे ही सहाय साहब डाइनिंग पर चाय लेकर बैठे मिसेज सहाय ने अंजली के रेडियो जॉकी की ट्रेनिंग वाली बात दोहरा दिया.... सहाय साह...

आवश्यक है बचाना अपने आसपास की नम जमीन को

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आवश्यक है बचाना अपने आसपास की नम जमीन को हर साल 2 फरवरी को पूरी दुनिया में आर्द्र भूमि के संरक्षण के लिए विश्व वेटलैंड्स दिवस मनाया जाता है.. आर्द्र भूमि या नम जमीन का अर्थ होता है कि जो भूमि वर्ष के लगभग 8 महिने या उससे अधिक किसी ना किसी तरह से नम बनी रहे... यह जमीन जैव विविधता का नजरिये से काफी मायने रखती है क्योकि इस तरह की जमीनो में अनेक जानवरो, पेड़ पौधे, झाड़िया पनपती है जिनका   प्रकृति तौर पर काफी महत्व होता है...जैव विविधता की दृष्टी से आद्र भूमि का महत्व सभी प्रकार के परिस्थितिकी तंत्र में काफी उच्च है, दुनिया की अधिकतर सभ्यताए आर्द्र भूमि   के आसपास ही विकसित हुई है...इसलिए   जैवविविधता के साथ साथ इनका सास्कृतिक, आर्थिक और पारस्थितिकीय योगदान भी है... उत्तर प्रदेश में जिले के हिसाब से सबसे ज्यादा आद्र भूमि बहराइच जिले में है जहां जिले के कुल   क्षेत्रफल के मुकाबले 11.68 प्रतिशत भूमि आद्रता की क्षेणी में आता है...इस लिहाज से बहराइच जिले में संरक्षण का प्रयास ऐसा होना चाहिए कि इन नम जमीनो की यथास्थित बनी रहे...यही नही प्रदेश के अन्य जिले फरूखाबा...