सालों बाद दिखा खीरी का सांप-“ऑलिगोडन खेरीन्सिस”
सालों बाद
दिखा खीरी का सांप-“ऑलिगोडन
खेरीन्सिस”
प्रदेश के वन्यजीव सम्पदा में
खीरी जिला का अपना अलग ही महत्व है, यह जिला लखऩऊ कमिश्नरी के अन्तर्गत आता है...
खीरी जिले को लखीमपुर खीरी के नाम से भी जाना जाता है यहां पर प्रदेश का एकमात्र नेशऩल पार्क स्थित है
जो दुधवा नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है यह जंगल अपने आप में विशिष्ट प्रकार
है...यहां की भूस्थिति हिमालय की तराई के आबोहवा के साथ अपने आप में अनगिनत जीव
जन्तुओ को समेटे हुए है इस इलाके की एक खूबी यह भी है कि यहां के जंगलो में उत्तर
प्रदेश की अदिम जनजाति थारू भी निवास करती है.... दुधवा के जंगलो में अनेक दुर्लभ
किस्म की जड़ी बूटी के साथ यहां पर जानवरो की कई किस्मे भी पाई जाती है..
बात चाहे कीट पंतगो के
संसार की हो, सांपो की हो, हाथी गैडो की हो या फिर प्रकृति के सम्राट वनराज बाघ की ... सब यहां पर मस्ती करते कहीं ना कहीं दिख
ही जाते है..इसीलिए तो दूर-दूर से सैलानी यहां खीचें चले आते है...जिला खीरी का नाम
रोशन करता यह इलाका आपने आप ही एक अजब सुकून देता है...यह सुकून और भी पुरखलिश हो जाता
है जब इस जंगल का कोई जीव इस जिले को सम्मानित करवाता है ...केवल इंसान ही नही अपने
इलाके का नाम रोशन कर सकता है.... देखा जाए! तो ऐसे जानवर भी हो
सकते है जिनसे इलाके का नाम रोशन होता है चाहे वो कोई सांप ही क्यो ना हो...
चित्र केवल जागरुकता के उद्देशय हेतु
कोई कीट पंतगा या कोई पेड- पौधा जिनकी आबादी किसी खास इलाके में होती
है या फिर पहली बार किसी साइंटिस्ट को जिस इलाके मेंकोई नई प्रजाति दिखती है तो सम्मान के तौर पर उस इलाके के नाम पर जीवों का
नामांकरण कर दिया जाता है.... ऐसा ही गौरव खीरी जिले को दुधवा में पाये जाने वाले एक
दुर्लभ सांप ने दिलाया....जिसे इंग्लिश में “रेड कोरल खुकरी” के नाम से जाना जाता है...और इसका जीव
वैज्ञानिक नाम “ऑलिगोडन खेरीन्सिस” है ... खेरीन्सिस नाम इसको पहली बार खीरी जिले में दिखने के कारण
ही दिया गया,, जो खीरी के लिए काफी गर्व की बात है.. खुकरी सांप जहरीला नही होता है... छोटे कीट, छिपकली, हल्के कवच वाले अंडे इसके
पसंदीदा भोजन होते है..मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दुधवा के जंगलो में यह सांप 82
साल के बाद फिर से देखा गया है.. जिससे पर्यावरण वैज्ञानिक काफी खुश है...
पर्यावरण
वैज्ञानिक कहते है कि बढ़ते शहरीकरण और
जलवायु परिवर्तन से यह सांप पिछले कई सालो
से दुधवा के जंगलो में नही दिख रहा था... पिछले दिनों यह सांप सोनारीपुर रेंज के
इलाके में नजर आया,,, हालांकि सात साल पहले यही सांप कतर्निय़ाघाट के जंगलो में भी वहा के स्थानीय लोगो ने देखा था और वन्यजीव संरक्षकों को इसकी सूचना दी थी.. कतर्ग्नियाघाट दुधवा टाइगर रिजर्व का ही
एक भाग है और पड़ोसी जिला बहराइच के अन्तर्गत आता है..
आमूमन यह सांप नम स्थानो पर,
धान के खेतो में,और शहरी क्षेत्रो के आसपास पाया जाता है....इस सांप को खुकरी सांप
इसलिए भी कहा जाता है कि इसके दांत नेपाल में पारपंरिक रूप से इस्तेमाल किये जाने
वाले खुकरी के आकार का होता है....
बढ़ती आबादी से और जंगलो के बीच बनने वाली सड़को
पर दुर्घटनाओ से इनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे है....
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