आरक्षण सरला सो कर उठी ही थी जैसे ही सीढीयां उतर रही थी। दलान में पापा तेज तेज बोले चले जा रहे थे। गुस्से में पापा बड़बड़ायें जा रहे थे, “ सत्यानाश कर रखा है इस देश का आरक्षण ने ” सब कुछ तो हम लोगो से ले ही लिया , अब रही सही इन नौकरियो में भी रोज कुछ नया आरक्षण लागू कर दिया जा रहा है। सरकार क्या हो गयी ! हम लोगो की तो कोई फिक्र ही नही। नीचे उतर कर बाल सवारते सरला ने पूछ लिया, क्या हुआ पापा ? अरे आईएएस का रिजल्ट आया है , और आरक्षण वाले ने फिर बाजी मार ली, वही तुम्हारा सहपाठी टॉप कर गया। कौन राहुल ! सरला ने अपनी खुशी को छुपाते हुए पूछा ? हां हां वही राहुल आरक्षण के बदौलत बाजी मार ले गया नही तो ....नही पापा, राहुल ऐसा नही वह शुरू से पढ़ने में तेज है … हां तो हमारे बच्चे तो निखट्टू है। और तुम काहे इतना तरफदारी कर रही हो यही आरक्षण ही है जो तुम्हारे हक को भी मारे है नही तो तुम्हारा भी बीएड में इस साल दाखिला हो जाता। कही मिल जाती कोई नौ...