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Showing posts from July, 2018

हुसैन और हुसैनी-एक कविता

कविता इमाम हुसैन अ०स० हुसैन नायक, हुसैन ज्ञानी हुसैन दाता, हुसैन दानी! हुसैन है एक अमिट कहानी हुसैन है सत्यता की वानी! सकल सृष्टि हुसैन बोले मेरी दृष्टि हुसैन बोले! हुसैन र...

आरक्षण

                              आरक्षण सरला सो कर उठी ही थी जैसे ही सीढीयां उतर रही थी। दलान में पापा   तेज तेज बोले चले जा रहे थे। गुस्से में पापा बड़बड़ायें जा रहे थे, “ सत्यानाश कर रखा है इस देश का आरक्षण ने ” सब कुछ तो हम लोगो से ले ही लिया , अब रही सही इन नौकरियो में भी रोज कुछ नया आरक्षण लागू   कर दिया जा रहा है। सरकार क्या हो गयी ! हम लोगो की तो कोई फिक्र ही नही। नीचे उतर कर बाल सवारते   सरला ने पूछ लिया, क्या हुआ पापा ? अरे आईएएस का रिजल्ट आया है , और आरक्षण वाले ने फिर बाजी मार ली, वही तुम्हारा सहपाठी टॉप कर गया। कौन राहुल ! सरला ने अपनी खुशी को छुपाते हुए पूछा ? हां हां वही राहुल आरक्षण के बदौलत बाजी मार ले गया नही तो ....नही पापा, राहुल ऐसा नही वह शुरू से पढ़ने में तेज है … हां तो हमारे बच्चे तो निखट्टू है। और तुम काहे इतना तरफदारी कर रही हो यही आरक्षण   ही है जो तुम्हारे हक को भी मारे है नही तो तुम्हारा भी बीएड में इस साल दाखिला हो जाता। कही मिल जाती कोई नौ...

गबन....

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गबन.... जैसे ही दफ्तर से बाहर निकला देखा कि , निकता खड़ी है उसके चेहरे पर एक अजीब सी परेशानी थी. मैने भी इगनोर करने को सोचा, कहां ! चले पुराना रिश्ता निभाने. हालांकि मुझे लगा कि उसने भी मुझे पहचान लिया मैने झट से गॉगल निकाला और आंखो पर चढा कर अपनी गाडी की तरफ बढ़ने लगा लेकिन पीछे से उसने मुझे आवाज लगा दिया राहुल.. मै ना चाहते हुए भी घूम पड़ा और   मुस्करा दिया हम कारपोरेट वालो की यही तो खासियत होती है, कि गॉगल लगाकर किसी को भी इगनोर कर दो और जब बचने का मौका ना मिले तो चेहरे पर झूठी मुस्कान लगा कर हॉय बोल दो, मैने भी वैसा ही किया तब तक निकता मेरे और नज़दीक आ चुकी थी। शाम को साढे पांच बजे भी इस मौसम में मेरा ख़डा होने मुश्किल लग रहा था वो भी जब ना चाहते हुए किसी से जबरदस्ती मिलना पड़े तो हालत और भी खराब हो जाती है. निकता मेरे पास आते ही सीधे ही बोल पड़ी, राहुल मेरे पति अशोक निर्दोष है और गबन के मामले में उसे जानबूझ कर फंसाया जा रहा है. मैने कहा ओह ! तो अशोक तुम्हारा पति है ? लोकिन तुम इतने विश्वास से कैसे कह सकती हो कि वह निर्दोष है ! निकता ने   चबा जाने वाले लहजे में...