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Showing posts from March, 2021

हिन्दी मात्रा का दोष और सही प्रयोग

हिन्दी लिखने वाले अक़्सर 'ई' और 'यी' में, 'ए' और 'ये' में और 'एँ' और 'यें' में जाने-अनजाने गड़बड़ करते हैं। कहाँ क्या इस्तेमाल होगा, इसका ठीक-ठीक ज्ञान होना चाहिए...। जिन शब्दों के अन्त में 'ई' आता है वे संज्ञाएँ होती हैं क्रियाएँ नहीं, जैसे: मिठाई, मलाई, सिंचाई, ढिठाई, बुनाई, सिलाई, कढ़ाई, निराई, गुणाई, लुगाई, लगाई-बुझाई...। इसलिए 'तुमने मुझे पिक्चर दिखाई' में 'दिखाई' ग़लत है... इसकी जगह 'दिखायी' का प्रयोग किया जाना चाहिए...।  इसी तरह कई लोग 'नयी' को 'नई' लिखते हैं...।  'नई' ग़लत है, सही शब्द 'नयी' है...  मूल शब्द 'नया' है, उससे 'नयी' बनेगा...। क्या तुमने क्वेश्चन-पेपर से आंसरशीट मिलायी...? ('मिलाई' ग़लत है...।) आज उसने मेरी मम्मी से मिलने की इच्छा जतायी...। ('जताई' ग़लत है...।) उसने बर्थडे-गिफ़्ट के रूप में नयी साड़ी पायी...। ('पाई' ग़लत है...।) अब आइए 'ए' और 'ये' के प्रयोग पर...। बच्चों ने प्रतियोगिता के दौरान सुन्दर चित्र बनाय...

चिढ़

एक जमाने में जब गांव में मोबाइल जैसी नायाब चीज़ नही हुआ करती थी तो गांव में मनोरंजन के कई गवई साधन हुआ करते थे..  टाइम पास के लिए  कुछ खास लोगों को चिढाना भी हुआ करता था... इसी कड़ी में गांव मे आने वाला कोई फेरी  वाला होता था गांव मे बाल काटने वाला कोई नाई होता था... कोई फूफा जिनको किसी नाम या किसी विशेष चीज से चिढ होती थी..ऐसे ही गांव में एक नाई हकीकउल्लाह थे, जिनको करैले से चिढ़ थी ...वह करेैला खाते नहीं थे..ठीक हैं भईया ना खाव कैरला, कोई बात नही खानपान अपना एक निजी मामला हैं...! भईया, लेकिन वह जैसे ही करैला कहीं देखते नानी- महतारी की गाली देना शुरू कर देते ...हकीकउल्लाह की पत्नी आये दिन इस करैले के कारण उसके प्रकोप का शिकार होती रहती थी और गांव के लड़के थे, कि छेडखानी से बाज़ नही आते थे पूरा गांव उनको करैला ही कह कर पुकरता और फिर गाली सुनकर तृप्त होता... छोटे बड़े सब करैला मामा कह कर चिढ़ाते थे...गांव में एक प्रचलन और भी था  किसी शादी विवाह मे कोई ना कोई नाई जरूर आता था जज़मानी पूजने, नाई और उसका परिवार शादी विवाह वाले घर में पूरा काम सभांलते थे..बर्तन माजने से खा...