मै वहीं वक्त जीना चाहता हूं
मैं वही वक्त जीना चाहता हूं, मैं अपनी कलम से फिर कुछ कहना चाहता हूं ! अब हाशिए पर रह कर नहीं जीना चाहता हूं, उसी खुदमुख्तारी से फिर रहना चाहता हूं! जहां को फिर एक नई समझ दिखाना चाहता हैं सूखी रोशनाई से नहीं जज़्बो से किसी का दिल जीतना चाहता हूं! मैं हाशिए पर अब और नहीं रहना चाहता हूं...