विश्व महिला दिवस पर विशेष

आधी आबादी को बनाएं पर्यावरण का सरोकार विश्व महिला दिवस पर विशेष पर्यावरण मानव और प्रकृति के बीच के संबंधो की कहानी है। प्रकृतिमानव सभ्यता को एक उपहार के तौर पर मिला है। प्रकृति अपने स्तर पर किसी भी मानव के बीच विभेद नही करती। प्रकृतिक संसाधनो का कोई भी मानव किसी भी तरह से उपयोग करें प्रकृति उसमें रुकावट तब तक नही पैदा करती, जब तक पृथ्वी विनाश की ओर ना बढ़ने लगे। आज के संदर्भ में मानव-सभ्यता के क्रियाकलापो से प्रकृति और पर्यावरण को विनाश का खतरा पैदा हो गया। प्रकृति के अंदर के अद्भुत सृजनशक्ति है और यह सृजन शक्ति प्रकृति से स्त्री को भी मिला है। नारी के अंदर अदम्य साहस और सृजनात्मकता है। प्रकृतिक संसाधनो के उपयोग के संदर्भ में देखा जाए तो नारी इसके प्रबंधन के बारे में बेहतर जानती है वैसे भी आधी आबादी पर अपने परिवार के लालान पालन की सबसे अधिक जिम्मेदारी होती है इनही सब बातो के ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने भी नारी शक्ति को पहचाना और पर्यावरण को बचाने में नारी की सहभागिता को बढ़ाने पर जोर दिया। संयुक्त राष्ट्र ने साल 2015 में जो धारणी...